नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दूसरे धर्मों में परिवर्तित हुए दलित लोगों को अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा देने पर विचार किया है। इसके लिए पूर्व सीजेआइ बालकृष्णन की अध्यक्षता में एक पैनल बना है, जो ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों की स्थिति पर अध्ययन करेगा और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पैनल में तीन या
चार सदस्य हो सकते हैं। यह आयोग ईसाई या इस्लाम धर्म अपनाने वाले दलितों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक
स्थिति के अलावा मौजूदा स्थिति में सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट में और
लोगों को जोड़े जाने का क्या असर होगा और परिवर्तित हुए लोगों की संख्या कितनी है, इसका पता भी
लगाएगा।
11 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
इस आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट में लंबित कई याचिकाओं के
मद्देनजर उन दलितों के लिए महत्व रखता है, जिनमें ईसाई या इस्लाम में कन्वर्ट होने वाले दलितों के लिए SC रिसर्वेशन की मांग की गई है। शीर्ष अदालत में इस
मामले में 30 अगस्त को सुनवाई
हुई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली
बेंच को बताया कि वह याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाए गए मुद्दे पर सरकार के रुख को
रिकॉर्ड में रखेंगे। बेंच ने सॉलिसिटर जनरल को तीन सप्ताह का समय दिया। अब इस
मामले में 11 अक्टूबर को
सुनवाई होगी।