संवेदनशीलता, ममत्व, अपनत्व ये गुण केवल इंसानों के नहीं हैं। जंग ली जानवर भी अपनों के लिए तड़पते हैं। आंखों में आंसू भरकर अपने साथियों की तलाश में भारत से नेपाल तक दौड़ रहा एक हाथी भी इन दिनों ऐसी ही पीड़ा से गुजर रहा है। हाथी की निराशा देख वे गांव वाले भी उदास हैं, जहां से यह गुजरता है।सबकी एक ही दुआ है कि जल्द हाथी अपने साथियों से मिल जाए। भारत की शारदा वन रेंज में स्थित नंधौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से नेपाल के डडेलधुरा के बीच इन दिनों एक हाथी आपको अकेले सफर करता दिख जाएगा। बीते कई दिनों से नेपाल में ब्रह्मदेव और भारत में नंधौर के जंगल छानना इसकी नियति बन गई है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 12 से 15 साल की उम्र का यह हाथी अपने झुंड से बिछड़ जाने के कारण भटक रहा है। सीमावर्ती गांव के लोग कहते हैं, तीन महीने से वे इस हाथी को अकेला भटकते देख रहे हैं। गांव के बीचों-बीच से होकर यह हाथी सीमा पार कर कभी नेपाल तो कभी भारत में प्रवेश कर रहा है।
प्रजनन काल होने से ज्यादा परेशान है: हाथी वैज्ञानिकों का दावा है कि यह समय हाथी के प्रजनन काल का है। इससे उसकी परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में हाथी जल्द झुंड से नहीं मिला तो दिक्कत और बढ़ सकती है। अकेला हाथी डरा हुआ होता है और उसके व्यवहार में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है।