हरिद्वार। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति समर्पण व आस्था का पर्व है। अनादिकाल से ही सनातन धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रीमहतं रविन्द्रपुरी महाराज ने चरणपादुका मंदिर में पूजा अर्चना की और श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनिल मिश्रा, युवा भाजपा नेता शमिक मिश्रा सहित कई लोगों ने चरण पादुका मंदिर पहुंचकर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से आशीर्वाद लिया। कोरोना के चलते अधिक संख्या में भक्त श्रद्धालु नहीं पहुंच पाये। मंदिर के सेवादार, शिष्यों और स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं ने श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि शिवपुराण के अनुसार अठ्ठाईसवें द्वापर में इसी दिन भगवान विष्णु के अंशावतार वेदव्यास का जन्म हुआ था। चारों वेदों का बृहद वर्णन करने और वेदों के सार ब्रह्मसूत्र की रचना करने के फलस्वरूप ही ये महर्षि व्यास नाम से विख्यात हुए। इन्होंने महाभारत सहित 18 पुराणों एवं अन्य ग्रन्थों की भी रचना की। जिनमें श्रीमद्भागवत महापुराण जैसा अतुलनीय ग्रंथ भी है। इस दिन जगतगुरु वेदव्यास सहित अन्य गुरुओं की भी पूजा की जाती है। सादा जीवन, उच्च विचार गुरुजनों का मूल मंत्र था। तप और त्याग ही उनका पवित्र ध्येय था। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि आजकल हरकी पैड़ी व अन्य गंगा घाटों पर हुड़दंग, नशा करने जैसे मामले सामने आ रहे हैं। ये बहुत गलत और धर्म के विपरीत आचरण है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि गंगा स्नान करने आएं तो मर्यादा बनाए रखें और गंगा का सम्मान करें। शांतिपूर्ण तरीके से गंगा पूजन, स्नान कर गंगाजल ले जायें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा सदियों से भारतीय संस्कृति में चली आ रही है। यह सर्वाेत्तम परंपरा है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही शिष्य अपने जीवन को सद्मार्ग की ओर से ले जा सकते हैं। इस अवसर पर श्रीमहंत रामरतन गिरी, राजपुरी, धनंजय गिरी, अमृत गिरी, संदीप अग्रवाल, टीना टुटेजा, प्रतीक सूरी आदि उपस्थित रहे।