खेल डेस्क: बीती रात भारत ने SAFF चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन दिखाते हुए कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में 5- 4 से हराकर ख़िताब अपने नाम कर लिया है। लेकिन इसी के साथ ही एक विवाद भी खड़ा हो गया है दरअसल मणिपुर के फुटबॉलर जैक्सन सिंह ने मेडल लेते हुए अपने आप को एक बहुरंगी मैतेई झंडे में लपेटा हुआ था। ऐसा करने का उनका मकसद मणिपुर में हो रही जातीय हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने का था।
फुटबॉलर की इस हरकत से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और कुछ लोगों ने उन्हें "अनप्रोफेशनल" और "अलगाववादी" कहा।
ये है झंडे का मतलब
जैक्सन सिंह भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में एक डिफेंसिव मिडफील्डर हैं और मणिपुर के थौबल जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने देश को रिकॉर्ड नौवां SAFF चैम्पियनशिप खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दरअसल मैतेई झंडे में उपस्थित सात रंग मणिपुर की प्राचीन मैतेई जातीयता के सात कुल राजवंशों का प्रतिनिधित्व करता है।
सोशल मीडिया पर हंगामे के बाद जैक्सन ने ट्विटर पर सफाई देते हुए एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने लिखा कि, "मैं भारत और मणिपुर में हर किसी से कहना चाहता हूं कि शांति से रहें और लड़ाई न करें। मैं शांति चाहता हूं। अब दो महीने हो गए हैं और लड़ाई अभी भी जारी है। मैं नहीं चाहता कि इस तरह की चीजें और हों। मैं चाहता हूं शांति पाने के लिए इसे सरकार और लोगों के ध्यान में लाएँ। मेरा परिवार सुरक्षित है लेकिन ऐसे बहुत से परिवार हैं जिन्होंने कष्ट झेले हैं और अपने घर खो दिए हैं,''।
उनके इस ट्वीट के बाद कई लोग अब उनके सपोर्ट में भी आ रहे है।