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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 4 Oct 2021 8:30 am IST


24 फर्जी फर्म बनाकर साढ़े 12 करोड़ की हेराफेरी, दो आरोपितों को किया गिरफ्तार


 फर्जी फर्म और फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने के मामले थम नहीं रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में डायरेक्टोरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) ने 12.60 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पर्दाफाश कर दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपितों को सीजेएम कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

जीएसटी इंटेलीजेंस की जांच में पता चला था कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश में 24 ऐसी फर्म पंजीकृत हैं, जो सिर्फ आइटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जी बिल तैयार करती हैं। ये फर्म आयरन इंगट व आयरन स्क्रैप की फर्जी खरीद दिखाकर इस पर आइटीसी का लाभ लेने के काम में लिप्त पाई गईं। फर्जीवाड़ा को अंजाम देने के लिए योजना के मास्टर माइंड बिजनौर निवासी आशीष राजपूत व मुजफ्फरनगर निवासी मयंक गौतम का देहरादून आना-जाना लगा रहता है। दोनों ने डांडा नूरूवाला में किराये पर घर भी ले रखा था। तभी से जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम आरोपितों की धरपकड़ में जुट गई थी।