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• Thu, 19 Oct 2023 10:33 am IST


ईको टूरिज्म पसंद है तो आईये उत्तराखंड के चमोली में , रूपकुंड ट्रेक को देखकर मचल जाएगा मन



चमोली: उत्तराखंड के इस दूरस्थ और दुर्गम जिले की सीमा चीन के कब्जे वाले तिब्बत से मिलती हैं. चमोली में समुद्र तल से 5,029 मीटर या 16,499 फीट की ऊंचाई पर रूपकुंड स्थित है. रूपकुंड और इसके आसपास के इलाकों को ईको टूरिज्म के लिए विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इसी के तहत चमोली के डीएम ने रूपकुंड की यात्रा की.चमोली के डीएम ने किया रूपकुंड का दौरा: चमोली जिले में धार्मिक, साहसिक एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की भरपूर संभावनाएं हैं. इन ट्रैक मार्ग पर जरूरी सुविधाओं के विकास हेतु जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने पहल की है. डीएम चमोली ने वन विभाग एवं संबधित एजेंसियों के साथ प्रसिद्व रूपकुंड ट्रैक का चार दिवसीय भ्रमण किया. इस दौरान करीब 60 किलोमीटर कठिन पैदल दूरी तय कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान जिलाधिकारी ने वन क्षेत्रों में ईको टूरिज्म के लिए नए स्थल विकसित करने पर जोर दिया.
रूपकुंड के लिए ईको टूरिज्म शुरू करने की पहल: जिलाधिकारी ने देवाल ब्लॉक के कुलिंग गांव से रूपकुंड की पैदल ट्रेकिंग शुरू की. कुलिंग से दीदना, वेदनी बुग्याल, पाथरनचीना, भगवावासा होते हुए जिलाधिकारी रूपकुंड पहुंचे. जिलाधिकारी ने रूपकुंड ट्रैक का विकास और रख रखाव करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही इस ट्रेक पर ईको टूरिज्म संचालित करने का निर्देश भी दिया. जिलाधिकारी ने रूपकुंड ईको साइट्स के विकास में प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करने को कहा.