देहरादून के अलग अलग इलाकों में स्थित चाय बागानों की जमीन की खरीद फरोख्त पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है. देहरादून में चाय बागानों की अलग-अलग भूमि पर अतिक्रमण होता रहा. यहां जमीनों को सालों से खुर्द खुर्द किया जा रहा है. जिससे चाय बागनों की जमीन को बचाने के लिए इसकी खरीद फरोख्त पर रोक लगाई गई है.बता दें साल 2005 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने चाय बागानों की भूमि की जांच करवाई थी. तब अलग-अलग चाय बागान में करीब 1100 बीघा भूमि का पता चला. यह भी जानकारी मिली कि चाय बागानों की कितनी भूमि बेची गई है और कितने पर खेती की जा रही है. साथ ही कितनी भूमि पर चाय उगाई जा रही है इसकी भी जानकारी मिली. साथ ही खाली पड़ी भूमि की भी डिटेल इकट्ठा की गई. इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी ने चाय बागानों की भूमि बचाने के लिए आदेश जारी किया. 10 अक्टूबर 1975 के बाद बेची गई भूमि सरकार के पक्ष में दर्ज की जाएगी. हालांकि कुछ समय बाद ही यह कवायद ठंडे बस्ते में डाल दी गई.