नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने रविवार शाम को एक फिर से सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही। चेन्नई में उदयनिधि ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, वह अपने बयान पर कायम हैं। इसे लोगों ने बेवजह नरसंहार से जोड़ा है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख
अमिल मालवीय ने शनिवार को उदयनिधि स्टालिन के बयान को ‘नरसंहार’ के लिए उकसाने
वाला बताया था। इसके बाद उदयनिधि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात करते हैं, तो क्या इसका
मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?
समझिए पूरा मामला
दरअसल, उदयनिधि स्टालिन
ने दो सितंबर को चेन्नई में एक
सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यहां भाषण के दौरान उन्होंने सनातन
धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और
कोरोना से की। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और
कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।
इसके बाद मचे बवाल पर रविवार शाम को उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि मैं फिर से कह
रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को समाप्त कर
दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और
कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है।
कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की बात कह रहे
उन्होंने कहा कि कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की
बात करते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि DMK वासियों को भी मार दिया जाना चाहिए? उदयनिधि स्टालिन के सनातन को लेकर दिए गए बयान के खिलाफ एक वकील ने
दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई है। इस
पर स्टालिन ने कहा, अगर उनके बयान
को लेकर कोई केस दर्ज किया जाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं।