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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 7 Jan 2022 3:10 pm IST


उत्तराखंड की सियासत में उपेक्षित है थर्ड जेंडर, हक की बात भी नहीं उठाते राजनीतिक दल


समाज की मुख्यधारा से कटा और उपेक्षित समुदाय थर्ड जेंडर उत्तराखंड की सियासत में आज तक कभी हिस्सेदार नहीं बन सका। 2011 की जनगणना के मुताबिक सूबे में उनकी जनसंख्या 4555 है, जबकि देशभर में करीब पांच लाख। आज भी इस समुदाय के आय का प्रमुख श्रोत शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों में नाच-गाकर नेग मांगने के साथ भीख मांगकर गुजारा करना है। वोट की भी ऐसी ताकत नहीं है जिससे वह एक भी विधानसभा में चुनावी समीकरण बना बिगाड़ सकें।