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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 24 Feb 2022 8:00 am IST


आस्था का प्रतीक है लच्छेश्वर महादेव मंदिर


डोईवाला : लच्छीवाला में स्थित लच्छेश्वर शिव मंदिर एक सिद्ध पीठ है। जहां अन्य दिनों की अपेक्षा शिव रात्रि के दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।

लच्छेश्वर शिव मंदिर का इतिहास अंग्रेजों के समय का है। मान्यता के अनुसार यहां शिव मंदिर के निकट एक वन कर्मी का आवास था। वन कर्मी के पास एक दुधारू गाय थी। जिसने अचानक दूध देना बंद कर दिया। एक दिन वन कर्मी ने देखा कि गाय झाड़ियों के बीच खड़ी है और उसके थन से दूध बह रहा था, जो शिवलिग रूपी गड़े हुए पत्थर पर गिर रहा था। यह देख वन कर्मी ने इसकी जानकारी गांव वालों को दी। इसके बाद ग्रामीणों ने वहां एक शिव मंदिर निर्माण करवाया और इस पवित्र स्थान को लच्छेश्वर शिव मंदिर का नाम देकर शिवरात्रि के दिन पूजन के साथ ही मेले का आयोजन करवाया। तब से प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु लोग शिवलिग पर जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं। तत्पश्चात मेले के उत्सव में शामिल होकर मेले का आनंद उठाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि भोले बाबा के इस मंदिर में जिस किसी भी श्रद्धालुओं ने कामना की वह पूरी हुई। इसी आस्था से यहां समय-समय पर भागवत कथा, हवन, पूजा, विवाह, भंडारे जैसे कार्यक्रम भी होते रहते हैं। मंदिर की देखरेख के लिए मंदिर कमेटी गठित है। जो इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन करती है।