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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 8 Dec 2022 2:55 pm IST

अंतरराष्ट्रीय

आयुर्वेद को दुनिया में दिलानी है पहचान, इसलिए डब्ल्यूएचओ ने पकड़ी विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की राह...


भारत में वैश्विक केंद्र स्थापित करने के बाद पारंपरिक चिकित्सा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ का रुझान बढ़ा है। इसीलिए शायद पहली बार विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में डब्ल्यूएचओ शामिल हो रहा है।

आठ से 12 दिसंबर तक गोवा के पणजी में आयोजित होने वाले विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में 11 दिसंबर को कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे, इस दौरान पीएम देश को आयुष चिकित्सा को लेकर कई योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ मॉडर्न मेडिसिन की तरह पारंपरिक चिकित्सा को भी एक अलग पहचान दिलाने पर चर्चा करेगा। 

वहीं इसको लेकर छह पूर्ण और समवर्ती सत्रों के अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सभा, पारंपरिक दवाओं पर डब्ल्यूएचओ कार्यक्रम और गुरु-शिष्य बैठक जैसे कार्यक्रम रखे गए हैं। इस विश्व कांग्रेस में 53 देशों के 400 से ज्यादा विदेशी प्रतिनिधियों समेत 4,500 से ज्यादा रजिस्टर्ड प्रतिभागियों का जमावड़ा होगा।