चंपावत का उप जिला अस्पताल लोहाघाट, पाटी और बाराकोट के तीन ब्लॉकों का सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केंद्र है। जहां मामूली सुविधायें तक नहीं मिल पा रही हैं। लेकिन यहां मरीजों को दवा कम, दर्द ज्यादा मिल रहा है। यहां पर सालभर से टिटनेस जैसा मामूली इंजेक्शन तक नहीं है।चोट लगने पर अस्पताल लाई गई बाराकोट की खीमा देवी को टिटनेस के इंजेक्शन के लिए मेडिकल स्टोर की दौड़ लगानी पड़ती है। अस्पताल में शुक्रवार को अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी नहीं हो सका। रेडियोलॉजिस्ट डॉ. एलएम रखोलिया हर सप्ताह शुक्रवार और शनिवार को टनकपुर अस्पताल से संबद्ध हैं। इन दो दिनों में यहां अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पा रहे हैं। लेकिन आपात सेवा में आने वाले लोगों को परेशानी बहुत परेशानी हो रही है।अस्पताल में कई जगह गंदगी भी थी और अस्पताल परिसर का फर्श भी जर्जर है। एमएस डॉ. कमर जुनैद ने बताया कि मांग के बावजूद पिछले साल से अस्पताल को टिटनेस के टीके नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से जरूरतमंदों को बाहर से खरीदना पड़ रहा है।