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• Fri, 2 Jul 2021 9:44 am IST


चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ की 14 से आंदोलन की चेतावनी


हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि मांगों लेकर बैठकों में केवल कोरे आश्वासन ही मिले। अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण ही वे आंदोलित होने के मजबूर हुए है। वृहस्पतिवार को प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि 13 जुलाई तक कोई भी ठोस कार्रवाई न होने की दशा में 14 जुलाई से आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष लखेड़ा, महामंत्री सुनील अधिकारी ने कहा कि 30 जुलाई से जब तक कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण न होने की दशा में कर्मचारी अपनी ड्यूटी बिना अन्न ग्रहण किये बिना कोविड चिकित्सालय, जिला चिकित्सालयों, कार्यालयों में करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि संघ की तीन बार वार्ता होने के बाद भी आज तक कर्मियों की मांगों पर कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। 50 प्रतिशत पदोन्नति पर समझौता होने के बाद भी 25 प्रतिशत कर भेज दिया गया। जिस पर संघ ने घोर आपत्ति जतायी है। उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, दीपक धवन व प्रदेश प्रवक्ता शिवनारायण सिंह ने कहा कि उद्यान विभाग में माली को टेक्निकल घोषित कर उद्यान सहायक बना अगला ग्रेड वेतन 4200 दे दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का कार्य बेहद रिस्की, टेक्निकल होने के बावजूद आज तक भी टेक्निकल करने की कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है जिससे कर्मियों में आक्रोश है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत, संयुक्त सचिव रविंद्र सिंह ने कहा है कि कर्मियों का कार्य नर्सेस संवर्ग की भांति मरीजों के संपर्क में रहने का है। नर्सेस संवर्ग की तुलना में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को पौष्टिक आहार भत्ता नहीं दिया जाता है।
दूसरे शनिवार व रविवार को काम करने के बदले पुलिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को एक माह का मानदेय दिया जाता है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी राष्ट्रीय अवकाश, होली, दिवाली, द्वितीय शनिवार, रविवार और अन्य जितने भी राजकीय अवकाश होते हैं उनका उपभोग नहीं करते हैं। उन्हें भी एक माह का मानदेय दिया जाना न्यायोचित होगा। मांगो को लेकर आंदोलन के तहत 14 से 19 जुलाई तक कर्मचारी काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करेंगे। 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश व जिला पदाधिकारी जिलों में जनप्रतिनिधियों को मांग पत्र सौंपंगे, 26 और 27 जुलाई को समस्त कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर सीएमओ कार्यालय और चिकित्सालयों में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करेंगे। 29 जुलाई को महानिदेशालय देहरादून, कुलसचिव आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला, निदेशक होम्योपैथी, आयुर्वेद का घेराव व धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।