नई दिल्ली: दिल्ली में अच्छी
शिक्षा व्यवस्था और अच्छे स्कूल-कॉलेजेज का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार अपने
प्रोफेसर्स को सैलरी तक नहीं दे पा रही है। ताजा मामला दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज का सामने
आया है, जहां प्रोफेसर्स के
वेतन में कटौती की गई। कॉलेज के अनुसार, फंड की कमी के कारण
यह फैसला लिया गया है। बता दें कि दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज को दिल्ली सरकार के ओर
से फंडिंग की जाती है।
इस मामले में अब दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कॉलेज से जवाब मांगा
है। विश्वविद्यालय के चेयरमैन की ओर से कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. हेम चंद जैन को
कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उनसे 10 सितंबर तक जवाब देने को कहा गया है। नोटिस में ये भी कहा
गया है कि जिन शिक्षण कर्मचारियों की जुलाई महीने से सैलरी रोक दी गई थी, उसे जल्द ही बहाल
किया जाए।
डीडीयू कॉलेज में कुछ दिन पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर के वेतन में 50 हजार रुपये और असिस्टेंट प्रोफेसर के वेतन में 30 हजार रुपये की कटौती किए जाने के बाद काफी विवाद हुआ था। कॉलेज ने छह सितंबर को नोटिस जारी कर फंड्स की कमी का हवाला देते हुए सैलरी में कटौती की जानकारी दी थी।
प्रिंसिपल से इन मुद्दों पर मांगा गया जवाब
जब डीएचई के सैलरी हेड के तहत जरूरी राशि जारी की गई तो एसोसिएट
प्रोफेसर/प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के वेतन में कटौती क्यों की गई? आपने किसकी परमिशन से सैलरी में कटौती की?
अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार, यह भी देखा गया है कि कॉलेज में हफ्ते में पांच दिन होने जा
रहे हैं और आपने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि, NCT सरकार बिजली बिल
भरने के लिए पैसे नहीं दे रही है। UGC के नॉर्म्स के
खिलाफ आप कैसे जा सकते हैं और दिल्ली NCT सरकार पर झूठे
आरोप क्यों लगा रहे हैं?
गर्वनिंग बॉडी में वसूली का मामला लाए बिना आपके एकतरफा फैसले के फलस्वरूप यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से TA की वसूली की गई है, ये बात भी सामने आई है। इस पर जवाब दें।