ट्विटर पर
वायरल हो रहे एक मीम में वेब शो 'पंचायत
2' में पंचायत सचिव
अभिषेक त्रिपाठी टॉलीवुड अभिनेता महेश बाबू की आंखें भारतीय गांव की वास्तविकताओं
से खोलने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। संदेश में कहा गया है,
"गांव ऐसे हैं,
न कि वैसे जैसे
आप फिल्मों में देखते हैं।"
'पंचायत
2' प्राइम वीडियो पर
एक बड़ी हिट बन गई है। जिसने क्रिटीक्स के अनुसार ग्रामीण जीवन को बेहद ही
वास्तविक तरीके से दर्शाया है। दूसरी ओर महेश बाबू की फिल्में 'श्रीमंथुडु'
और 'महर्षि'
ने गांव की डेली
लाइफ को रोमांटिक बना दिया है और ग्रामीण मुद्दों को सरल बना दिया। जिससे उनकी
फिल्मों की तुलना सोशल मीडिया साइटों पर 'पंचायत
2' से की गई।
गौरतलब है
कि महेश बाबू की फिल्मों में सरल कथानक होते हैं जो राजनीतिक, जाति-आधारित और अन्य जटिल मुद्दों
को अड्रेस करने से बचे हैं। यही कारण है कि 'श्रीमंथुडु'
और 'महर्षि'
और साथ ही हाल ही
में रिलीज़ हुई 'एसवीपी'
जैसी ढीली-ढाली
फिल्में समझदार दर्शकों को ठेस पहुंचाती हैं। महेश बाबू सोशल मीडिया पर कई ट्रोल्स
के निशाने पर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने एक मीडिया इंटरेक्शन के दौरान कहा था
कि बॉलीवुड उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता।