नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) एनवी रमना आज
यानी 26 अगस्त को रिटायर हो गए। उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दो दिनों में कई
अहम मामलों की सुनवाई की। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सेरेमोनियल बेंच में उन्हें
विदाई देते हुए कहा आपके रिटायरमेंट से हम एक बुद्धिजीवी और एक उत्कृष्ट न्यायाधीश
को खो रहे हैं। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता
दुष्यंत दवे कोर्ट रूम में ही रोने लगे और कहा कि आप जनता के जज हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार था, जब किसी सीजेआइ की सेरेमोनियल
बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग हुई और इसे शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर वेबकास्ट भी किया
गया।
CJI रमना ने अंतिम दो दिनों में की इन मामलों की
सुनवाई
कर्नाटक कोल माइनिंग: कर्नाटक के चित्रदुर्ग, बेल्लारी और तुमकुरु जिलों में खनन फर्मों के लिए आयरन ओर की माइनिंग
लिमिट बढ़ाई।
मुफ्त चुनावी घोषणाएं: फ्रीबीज मामले को
तीन जजों की बेंच को रेफर किया।
गोरखपुर दंगा केस: वर्ष 2007 के हेट स्पीच मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया।
दिवालिया कानून: सीमा शुल्क
अधिनियम पर दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) लागू होगी। सीमा शुल्क प्राधिकरण केवल शुल्क और लेवी की मात्रा निर्धारित कर
सकता है, लेकिन वसूली की कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता
है।
पेगासस: कमेटी को पांच फोन में मालवेयर मिला, लेकिन वह पेगासस
था, ये स्पष्ट नहीं।
कमेटी ने कहा कि सरकार ने मदद नहीं की। अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी सप्ताह में
होगी।
बिलकिस बानो: गुजरात सरकार को नोटिस
दिया है कि 11 दोषियों को
पार्टी बनाने के लिए कहा है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद सितंबर में होगी।
पीएमएलए: केंद्र सरकार को रिव्यू पिटीशन पर नोटिस दिया
है। साथ ही कहा कि यह कानून बहुत अहम है और सिर्फ दो पहलू दोबारा विचार लायक हैं। एक ईसीआइआर (ईडी की तरफ से दर्ज एफआइआर) की रिपोर्ट आरोपी
को न देने का प्रावधान और दूसरा खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर
होने का प्रावधान।
पीएम मोदी सिक्योरिटी
ब्रीच: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
सिक्योरिटी ब्रीच केस की जांच के बनी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिरोजपुर
में एसएसपी कानून और
व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी निभाने में फेल रहे।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया से नाराज थे एनवी रमना
चीफ जस्टिस एनवी रमना अदालत की 16 बेंच में सुनवाई के लिए मास्टर ऑफ रोस्टर केस
डिस्ट्रीब्यूट करते रहे हैं। लेकिन, बीते दिनों
मुकदमों की लिस्टिंग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के आगे बेबस नजर आए
थे। दरअसल, 17 अगस्त को सुनवाई के लिए लिस्टेड एक मामले को रजिस्ट्री ने
हटा लिया था। इस बात से सीजेआइ रमना बेहद नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा था कि वे 26
अगस्त को इस मुद्दे पर अपने विदाई भाषण में बोलेंगे। हालांकि, उन्होंने विदाई
भाषण के दौरान इतना कहा कि पेंडेंसी का मुद्दा सबसे बड़ी चुनौती है और मैं मानता हूं
कि लिस्टिंग एक ऐसा एरिया है, जहां मैं ज्यादा
ध्यान नहीं दे सका। इसके लिए मुझे खेद है। सिस्टम में सुधार करने का एकमात्र तरीका
है, आधुनिक तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को
तैनात करना। लेकिन, कमर्शियल
ऑर्गनाइजेशन के उलट हम मार्केट से इन्हें नहीं खरीद सकते। CJI एनवी रमना ने यह भी
कहा था कि कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर सवाल उठाना चाहते हैं, लेकिन वे पद छोड़ने से पहले बोलना नहीं चाहते थे।
जस्टिस यूयू ललित होंगे अगले CJI
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के
रिटायरमेंट के बाद जस्टिस यूयू ललित देश के 49वें CJI होंगे। वे 27 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। सुप्रीम
कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस यूयू ललित महज 74 दिनों के लिए ही CJI बनेंगे, क्योंकि आठ नवंबर को वे भी रिटायर हो जाएंगे। बता दें कि न्यायाधीश
ललित 'तीन तलाक' की प्रथा को अवैध
ठहराने सहित कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।