यूरोप की मानवाधिकार अदालत ने एक 'ऐतिहासिक' फैसला सुनाया है। जिसके तहत मानवाधिकार अदालत ने ताइवान के एक व्यक्ति को चीन को सौंपने पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्टों की मानें तो यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स यानि ईसीएचआर ने सर्वसम्मति से कहा कि, ताइवानी नागरिक को चीन को सौंपने पर, उसे दुर्व्यवहार और यातना के महत्वपूर्ण जोखिम में डाल देगा। हालांकि, पोलैंड की अदालतों ने पहले प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी।
ये फैसला अक्तूबर में एक फ्रांसीसी अदालत ने सुनाया था। बताते चलें कि, न्यायाधीशों ने हंग ताओ लियू की पांच साल की हिरासत पर भी फैसला सुनाया, जबकि उन्होंने अपील की थी कि, प्रत्यर्पण अनुरोध गैर-कानूनी था। माना जा रहा है कि, ये फैसला जनवरी में लागू हो सकता है।