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• Tue, 21 Nov 2023 4:40 pm IST


जानिए शाम को किस वक्त खाना खाने से लंबी हो सकती है उम्र?


हेल्दी और लंबी जिंदगी जीने के लिए एक बैलेंस रूटीन को फॉलो करना बेहद जरूरी होता है. जिसमें नींद के पैटर्न से लेकर डेली वर्कआउट और खानपान संबंधी अच्छी आदतें शामिल हैं. वहीं आजकल की बेहद व्यस्त दिनचर्या में लोग खुद के लिए बेहद कम वक्त निकाल पाते हैं. खानपान की गुड हैबिट्स आपको बीमारियों से दूर रखने में मदद करती हैं, जिससे निश्चित तौर पर एक स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकते हैं. इसी को लेकर हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि अगर रात का डिनर जल्दी कर लिया जाए तो यह आपकी उम्र को लंबी करने के फैक्टर्स में से बेहद अहम फैक्ट हो सकता है.
बैलेंस डाइट लेने के साथ ही पूरा पोषण पाने के लिए सही और फिक्स टाइम पर खाना खाना भी जरूरी होता है. जैसा कि एल अक्विला के एक अध्ययन से पता चलता है, रात का खाना जल्दी खा लिया जाए और अलग हेल्थ रूटीन को अपनाया जाए तो उम्र को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकता है। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें तो रात का खाना जल्दी खाने और संभावित लंबी जिंदगी जीने के बीच दिलचस्प कनेक्शन खोजा है. तो चलिए जानते हैं शाम को किस वक्त खाना खाने से लंबी हो सकती है, आपकी उम्र.

शाम का खाना और लंबी जिंदगी का कनेक्शन - शाम के खाने और लंबी जिंदगी के फैक्टर्स को जानने के लिए इटली के अब्रुज़ो के एक प्रांत एल अक्विला में एक शोध किया गया जो बुजुर्गों (90 से 99 वर्ष की आयु के लोगों) पर आधारित है. इस क्षेत्र के 68 लोगों पर हुए इस अध्ययन में उनकी डाइट, बिहेवियर और खासतौर पर उनके शाम के खाने के समय को लेकर कुछ जरूरी बातें सामने आई हैं.

लंबी जिंदगी जीने के लिए किस वक्त करना चाहिए डिनर - शोधकर्ताओं द्वारा गहराई से किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि एल अक्विला लंबी उम्र जीने वाले अधिकांश लोग अपना रात का खाना आमतौर पर शाम को 07 या फिर 07:13 मिनट तक खा लेते हैं.वहीं इन लोगों ने रात के खाने से लेकर अगले दिन दोपहर के खाने तक करीब 17.5 घंटे तक का अंतर रखा ताकि कैलोरी को बैलेंस किया जा सके.

इन फैक्टर्स पर आधारित हैं शोध के रिजल्ट - वहीं बात करें इस शोध में शामिल होने वाले लोगों के आहार की तो ये लोग अनाज, फलों, सब्जियों और फलियों जैसी पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल किया, वहीं इसके उलट नॉनवेज, प्रोसेस्ड मीट, अंडा और मिठाइयां बेहद कम मात्रा में लीं. शोधकर्ता कहते हैं कि हमारे अध्ययन के रिजल्ट डेली कैलोरी, फिजिकल एक्टिविटी, मेटाबॉलिक रिस्पॉन्स, जैसी चीजों पर निर्भर करता है, जो यहां लोगों की लंबी जिंदगी जीने में अहम फैक्टर है.