देश आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश में विकास के कई नए आयाम स्थापित हुए हैं, लेकिन किन्नौर जिले ने विकास के नाम पर बहुत कुछ खोया है। ऐसा कहना है देश के पहले मतदाता 103 वर्षीय श्याम सरण नेगी का। उनकी नजर में आज के और 75 साल पहले के किन्नौर में बहुत ज्यादा अंतर आ गया है।
किन्नौर जिला दिन-प्रतिदिन विकास की प्रगति पर है, लेकिन विकास के नाम पर पहाड़ों को छलनी करना सही नहीं है। पहले किन्नौर जिले में भूस्खलन की घटनाएं कम ही होती थीं। जबसे किन्नौर जिले में हाइड्रो परियोजनाओं का निर्माण और हैवी ब्लास्टिंग शुरू हुई है, तबसे पहाड़ खोखला होने शुरू हो गए हैं। इसे रोकने के अलावा कोई चारा नहीं है।