Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 16 Nov 2022 7:00 am IST


इस तारीख से प्रारंभ हो रहे हैं पंचक, जानिए तिथि और अन्य बातें


ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ग्रह, नक्षत्र और योग का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। किसी भी मांगलिक और शुभ कार्य करने से पहले इन चीजों को जरूर देखा जाता है। ऐसे ही हर मास में 5 दिन ऐसे आते हैं जिसमें किसी भी तरह का मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। जिन्हें पंचक नाम से जाना जाता है। नवंबर माह के अंत में पंचक लग रहे हैं।

कब है पंचक 
पंचक प्रारंभ : मंगलवार, 29 नवंबर, 07 बजकर 51 मिनट से। 
पंचक समाप्त : रविवार, 04 दिसंबर सुबह 06 बजकर 16 मिनट से। 

क्या है पंचक?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद तथा रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण काल पंचक होता है।

पंचक क्यों माना जाता है अशुभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह अशुभ योग होता है। इस योग में किए गए कार्य में शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होती है। माना जाता है कि जो काम पंचक में किया जाता है उसमें 5 बार दोहराव जरूर होता है। इसलिए कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हुए है, तो उसके बाद कुल के 5 अन्य लोगों के मरने की आशंका बढ़ जाती है।

पंचक के दौरान न करें ये कार्य 
- पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। पंचक के वक्त दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करना अशुभ माना जाता है। इसलिए अगर बहुत जरूरी न हो, तो दक्षिण दिशा की ओर पंचक के दौरान यात्रा न करें।
- पंचक के दौरान किसी भी काम में बांस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- पंचक के दौरान लकड़ी संबंधी कामों को करने से बचना चाहिए। न ही लकड़ी का सामान खरीदना चाहिए और न ही लकड़ी का फर्नीचर बनवाना चाहिए।
- घर की छत पंचक के दौरान नहीं बनवानी चाहिए। अगर पहले से लेंटर पड़ रहा है तो उसका निर्माण कर सकते हैं। अन्यथा पंचक के बाद करें। क्योंकि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों के बीच क्लेश होता रहता है।