ताइवान की मदद करने की वजह से चीन ने लिथुआनिया के साथ अपने राजनयिक संबंधों को नीचे कर दिया है। दरअसल, बाल्टिक देश ने ताइवान को अपने यहां एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोलने की अनुमति दे दी है और इसी वजह से चीन नाराज हो गया है। बता दें कि ताइवान पर चीन अपना दावा जताते आ रहा है, ऐसे में दूसरे देश की दखलअंदाजी उसे रास नहीं आ रहा है।नाराज चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को निष्कासित करते हुए अपने देश वापस बुला लिया। चीन का का कहना है कि ताइवान के पास विदेशों के साथ संबंध स्थापित करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन की यह प्रतिक्रिया ताइवान पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दावे को लेकर उसकी संवेदनशीलता को दिखाती है।