चंपावत। कुमाऊं के आराध्य देव और न्याय के देवता गोलज्यू के दरबार में देववाणी की गूंज से जिला मुख्यालय संस्कृत की बयार से गूंज उठा। संस्कृत विद्वान डॉ. कीर्ति बल्लभ शक्टा ने अपने स्वरचित चंपूकाव्य में संग्रहित देवालयों की स्तुतियों का देववाणी संस्कृत में सस्वर पाठ कर सभी को भावविभोर कर दिया।
उन्होंने गोलज्यू के साथ ही हिंग्लादेवी, बालेश्वर, डिप्टेश्वर, ताड़केश्वर, घटोतकच्छ, गोरखनाथ, मां पूर्णागिरि, मां बाराही, पाताल भुवनेश्वर, मां हाटकालिका, जागेश्वर, नंदा देवी, नयना देवी, गर्जिया माता, कैलाश मानसरोवर, मां कोटगाड़ी, बाबा केदार नाथ, बद्रीनाथ, हरिद्वार सहित उत्तराखंड, देश के तमाम देवालयों की स्तुतियों का पाठ किया।