वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण सरकारी बैंकों के अधिकारियों के साथ 20 जून को बैठक करेंगी। इसमें वे बैंकों के प्रदर्शन और आर्थिक सुधार के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगी।
जाहिर है 2022-23 के बजट पेश करने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैंकों से इस बैठक में रूस-यूक्रेन समेत विपरीत स्थितियों का सामना कर रही अर्थव्यवस्था के सुधार में तेजी लाने के लिए उत्पादक क्षेत्रों के लिए कर्ज मंजूर करने की अपील की जाएगी। पिछले हफ्ते बैंकों ने पूरे देश में कर्ज लेने के योग्य लोगों को जगह पर ही कर्ज की मंजूरी देने को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया था। बैठक में बैंकों के कर्ज की रफ्तार, बिजनेस ग्रोथ की योजना और बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) को लेकर भी बात की जाएगी।
माना जा रहा है कि, बैठक में किसान क्रेडिट कार्ड, इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना की भी समीक्षा की जाएगी। बजट में इसीएलजीएस को एक साल के लिए बढ़ाकर मार्च, 2023 कर दिया गया था। इस योजना के तहत गारंटी कवर भी 50 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब देश के सभी सरकारी बैंक पिछले 2 वित्तवर्ष से फायदा कमा रहे हैं। 2021-22 में इनका फायदा 66,539 करोड़ रुपये रहा। कुल 12 सरकारी बैंकों ने 2020-21 में 31,820 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। हालांकि उससे पहले 2015-16 से 2019-20 तक लगातार इनको घाटा हुआ था।