देश में तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद मजदूरों ने भी नए श्रम कानूनों को रद्द करने की आवाज बुलंद कर दी है। रविवार को रुद्रपुर में आयोजित मजदूर सहयोग केंद्र के पहले सम्मेलन में देशभर से पहुंचे मजदूर नेताओं ने नए श्रम कानूनों को रद्द करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई। कहा कि मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं के लागू होने से श्रमिक शोषण चरम पर पहुंच जाएगा।
किसानों के आगे सरकार को झुकना ही पड़ा
रविंद्र नगर स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित सम्मेलन में भारतीय किसान यूनियन (उग्रहां) के प्रदेश महासचिव बल्ली सिंह चीमा ने कहा कि किसानों के आगे सरकार को झुकना ही पड़ा। यह मजदूरों और किसानों की एकता की जीत है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम संहिताओं को वापस ले और सरकारी सार्वजनिक संपत्तियों को बेचना बंद करे। उन्होंने मजदूर नेताओं का दमन बंद करने और जेल में बंद मजदूर नेताओं की रिहाई की मांग की। सम्मलेन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए नए श्रम कानूनों को रद्द कराने के लिए साझा संघर्ष करने का एलान किया गया।