पटना: बिहार में जातीय गणना के मामले में सरकार को पटना हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। मंगलवार को यह फैसला पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने सुनाया।
याचिकाकर्ता के एडवोकेट दीनू कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट का
फैसला एक लाइन में आया है, जिसमें कहा गया
कि रिट याचिका खारिज की जाती है। यानी जातीय गणना कराई जा सकती है। उच्च न्यायालय
के जजमेंट के आधार पर गणना होगी। हम लोग फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा ने भी जताई खुशी
पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी
यादव ने कहा, जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में
क्रांतिकारी कदम होगा। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार जातीय गणना करवाए। वहीं, भाजपा ने भी हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। विजय
सिन्हा ने कहा, हम लोग जातिगत गणना के समर्थक रहे हैं। सरकार
गणना के लक्ष्य को बताने में असफल रही। बिहार सरकार की नीयत में खोट है।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने चार मई को जातीय गणना पर रोक
लगा दी थी और सरकार से अब तक कलेक्ट किए गए डेटा को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया
था। अगली सुनवाई की तारीख 3 जुलाई तय थी, जहां लगातार पांच
दिन बहस चली। पटना हाईकोर्ट ने सात जुलाई को इस मामले में सुनवाई पूरी की।