मेला अस्पताल में नौ करोड़ की लागत से बने एमआरआई सेंटर में जांच शुरू हो गई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने सरकारी अस्पताल में मरीजों के लिए तय किए गए शुल्क पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मरीजों को सरकारी अस्पताल में निजी अस्पताल के बराबर शुल्क चुकाना पड़ रहा है, जो गलत है। मेला अस्पताल में एमआरआई का संचालन सात मार्च से शुरू हुआ था। 21 दिन में अब तक महज 21 लोगों के एमआरआई हुए हैं। निजी अस्पतालों के बराबर शुल्क होने से लोग यहां एमआरआई कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। मेला अस्पताल में बने इस एमआरआई सेंटर में एमआरआई कराने के 5125 रुपये का शुल्क लिया जाता है।