नई दिल्ली: देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के विरुद्ध दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने वाली एक महिला को कुछ भौतिक दस्तावेज लाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया उदय उमेश ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ ने शिकायतकर्ता महिला के वकील की दलीलों पर ध्यान दिया कि कथित अपराध से संबंधित कुछ भौतिक तथ्यों को बीजेपी नेता के अधिवक्ता ने छुपाया है और वह सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड पर उसे लाना चाहते हैं।
महिला की ओर से पेश वकील संदीप कुमार सिंह से पीठ ने कहा कि यदि आप कुछ फाइल
करना चाहते हैं तो कृपया उन्हें एक हफ्ते में फाइल करें। हम मामले को सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर को
सूचीबद्ध करेंगे। शाहनवाज हुसैन की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ
लूथरा पेश हुए।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगा दी थी रोक
इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने 19 सितंबर को हुसैन की अपील पर
सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ
महिला की शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी से संबंधित दुष्कर्म का आरोप लगाया गया
था। शीर्ष अदालत की बेंच ने 22 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी
थी।