हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। अबकी बार भाजपा के मंसूबे हरिद्वार जिला पंचायत पर भगवा बुलंद करने के हैं। पार्टी पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन के जरिये न सिर्फ विधानसभा चुनाव की हार का हिसाब बराबर करना चाहती है बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में जीत तय करने का संदेश देना चाहती है।
विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतकर भाजपा बेशक प्रदेश की सत्ता पर काबिज है, लेकिन हरिद्वार में अपेक्षित परिणाम न मिलने का उसे मलाल भी है। पार्टी हरिद्वार में अपनी वापसी का सही अवसर तलाश रही है। सियासी जानकारों का मानना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भाजपा हरिद्वार जिले में अपने वर्चस्व की साबित करने के अवसर के तौर पर देख रही है। यही वजह है कि पार्टी ने चुनावी एलान से पहले ही पूरे जिले में सियासी चौसर बिछानी शुरू कर दी है। हाल ही में पार्टी ने बसपा और कांग्रेस के 40 से अधिक स्थानीय नेताओं को भाजपा में शामिल कराकर अपने पक्ष में वातावरण होने के संदेश देने की कोशिश की। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का मानना है कि भाजपा में शामिल हुए सभी नेताओं का अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभाव है, जिसका पार्टी को निश्चित तौर पर फायदा होगा।पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा हरिद्वार जिला पंचायत पर भगवा बुलंद कर पंचायत चुनाव का इतिहास बदलना चाहती है। अभी तक भाजपा का हरिद्वार जिला पंचायत के अध्यक्ष पद की कुर्सी का सपना साकार नहीं हो पाया है लेकिन इस बार पार्टी जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों की जो व्यूह रचना तैयार कर रही है, उससे अपना मकसद पूरा होने की पूरी उम्मीद है।