लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा, खतौली और रामपुर में विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जिसमें समाजवादी पार्टी की सीधी टक्कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से है। लेकिन, इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिना प्रत्याशी उतारे ही एंट्री ले ली है।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा बेवजह से
पसमांदा मुस्लिम का राग लगा रही है। मुस्लिमों को लेकर भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड
किसी से छिपा नहीं है। भाजपा की निगेटिव सोच की वजह से मुस्लिम आज भी पिछड़े हुए
हैं।
2. भाजपा की मुस्लिम समाज के प्रति निगेटिव सोच का परिणाम है कि इनकी सरकार में भी वे लगभग उतने ही गरीब, पिछड़े, त्रस्त एवं जान-माल-मजहब के मामलों में असुरक्षित हैं जितने वे कांग्रेसी राज में थे। मुस्लिम समाज का, दलितों की तरह पसमान्दा व उपेक्षित बने रहना अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) November 16, 2022
3. जबकि बीएसपी की यूपी में चार बार रही सरकार में सर्वसमाज के हित-कल्याण व सुरक्षा-सम्मान के साथ-साथ हमेशा उपेक्षित रहे दलित, पिछड़ा एवं अक्लियत समाज के लोगों के जान-माल-मजहब आदि की सुरक्षा तथा न्याय की गारण्टी यहाँ पहली बार कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करके सुनिश्चित की गई।
— Mayawati (@Mayawati) November 16, 2022
पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले में लाना चाहती है भाजपा
भले ही मायावती ने इन उप चुनावों को लेकर बड़ा बयान जारी
किया हो, लेकिन उन्होंने इसके लिए
अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। रही बात पसमांदा मुस्लिमों की तो प्रदेश में भाजपा
खास तौर पर उपचुनाव और लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पसमांदा मुसलमानों को अपने
पाले में लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी इसके लिए राज्य में अलग-अलग स्थानों पर
लगातार सम्मेलन कर रही है, जिनमें पार्टी
के कई बड़े नेता भी शामिल हो रहे हैं।