लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसूत्र सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव सोमवार को पैदल मार्च के लिए सड़क पर आए। उनके साथ पार्टी के विधायक और संगठन पदाधिकारी भी पैदल मार्च में शामिल हुए। लेकिन, पुलिस ने इस पैदल मार्च को उनके आवास पास रोक दिया। इस पर विधायक और कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
वहीं, दूसरी ओर विधानसभा में मानसून सत्र को समय पर शुरू किया गया। मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में मृतक विधायकों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा लखीमपुर
खीरी की गोला सीट से विधायक अरविंद गिरि को भी श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मानसून
सत्र को स्थगित कर दिया गया।
अखिलेश यादव पर सीएम योगी का निशाना
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया से बातचीत में अखिलेश
यादव के प्रदर्शन पर कहा कि किसी भी दल को या किसी भी व्यक्ति को लोकतांत्रिक
तरीके से अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीं है। अखिलेश यादव ने अगर नियम अनुसार
पुलिस से परमिशन मांगी होगी तो उन्हें जरूर मिलेगी। सपा से उम्मीद करना कि वो किसी
नियम या शिष्टाचार को मानेंगे, ये एक कपोल
कल्पना ही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि 25 करोड़ लोगों के हितों के लिए डबल इंजन की सरकार बिना
भेदभाव के कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर बैठे
व्यक्ति को शासन की योजानाओं का लाभ पहुंचा रही है। विभिन्न चुनौतियों का सामना
करते हुए भी यहां अभाव और अराजकता के लिए जगह नहीं है।
योगी के मंत्री ने कहा- पैदल चलना अखिलेश की हेल्थ के लिए जरूरी
इसके अलावा, सपा के पैदल मार्च पर योगी कैबिनेट के स्वतंत्र प्रभार और वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने कहा कि अखिलेश यादव के पास कोई मुद्दा नहीं है। वो लंबे समय से पैदल नहीं चले हैं और अब उन्हें पैदल चलना भी चाहिए। स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। विधानसभा के अंदर अगर उनके सवाल होंगे तो उनके जवाब दिए जाएंगे।