Read in App


• Mon, 15 Apr 2024 12:57 pm IST


यक्षराज जाख देवता मेले में हुई अनोखी घटना, खुली की खुली रह गई भक्तों की आंखें


भगवान जाख देवता के स्थापना काल से लेकर आज तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब एक ही अग्निकुंड में दो नर पश्वा पर भगवान यक्ष अवतरित हुए. प्रत्येक वर्ष के बैसाख के दो प्रविष्ट को जाखधार के निकट जाख मंदिर में विशाल अग्निकुंड के दहकते अंगारों पर नृत्य करने की परंपरा है. रविवार को आयोजित कार्यक्रम में उस समय भारी उलटफेर हुआ, जब पूर्व में पूजित यक्ष के पश्वा के अलावा एक अन्य व्यक्ति पर भी यक्ष अवतरित हुए. उन्होंने विशाल अग्निकुंड में लाल-लाल अंगारों पर नृत्य करके लोगों की बलाएं ली. इस अप्रत्याशित दृश्य को देखकर भक्तों की आंखें खुली की खुली रह गईं.

संवत् 1111 से गुप्तकाशी के निकट जाखधार में भगवान जाख देवता का मंदिर अवस्थित है, जहां पर प्रतिवर्ष विशाल अग्निकुंड के धधकते अंगारों पर पशवा नृत्य करके लोगों के सुखमय भविष्य की कामना के साथ-साथ क्षेत्र में सूखाग्रस्त इलाकों में बरसात भी करवाते हैं. प्रतिवर्ष बैसाखी माह के दो प्रविष्ट को इस स्थान पर भव्य जाख मेला आयोजित होता है. प्रातः काल से देर शाम तक हजारों की तादाद में भक्त इस विस्मयकारी दृश्य देखने को अग्निकुंड से कुछ दूरी पर खड़े रहते हैं.