Read in App


• Sat, 3 Apr 2021 8:42 am IST


हरिद्वार गए और इनके दर्शन ना हुए तो समझो यात्रा रह गई अधूरी


यूं तो उत्‍तराखंड के प्रमुख तीर्थों में से एक माने जाने वाले हरिद्वार में साल भर भक्‍तों का मेला लगा रहता है। मगर इस बार आने वाले कुछ दिनों में हरिद्वार में भक्‍तों की भारी भीड़ उमड़ने वाली है। वजह है कुंभ का मेला। यूं तो कुंभ का आरंभ यहां हो चुका है, लेकिन महाशिवरात्रि के पहले शाही स्‍नान से धार्मिक और औपचारिक तौर पर कुंभ की शुरुआत मानी जाती है।

हर‍िद्वार का प्रमुख आकर्षण माना जाता है मां गंगा की निर्मल जलधारा। माना जाता है गंगोत्री से उद्गम के बाद मां गंगा सबसे पहले हरिद्वार में प्रवेश करती हैं। इसलिए यहां पर मां गंगा का जल सबसे साफ माना जाता है। हरिद्वार के अलावा भी यहां ऐसे कई प्रमुख ध‍ार्मिक स्‍थल और मंदिर हैं जिनकी मान्‍यता प्राचीनकाल से चली आ रही है। आज इस क्रम में हम सबसे पहले आपको मनसा देवी के बारे में विस्‍तार से बताएंगे।

कौन हैं मनसा देवी ?

देवी मनसा को भगवान शंकर की पुत्री के रूप में पुराणों में मान्‍यता प्राप्‍त है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, मां मनसा की शादी जगत्‍कारू से हुई थी और उनके पुत्र का नाम आस्तिक था। मनसा देवी को नागों के राजा वासुकी की बहन के रूप में भी जाना जाता है।


कहां स्थित है मनसा देवी का मंदिर ?
मनसा देवी के मंदिर का इतिहास बहुत ही गौरवशाली माना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार से 3 किमी दूर शिवालिक पर्वत श्रृंखला में बिलवा पहाड़ पर स्थित है। नवरात्र के महीन में यहां पर भक्‍तों की भारी भीड़ रहती है। मान्‍यता है कि यहां भक्‍त जो मुराद लेकर आते हैं, उनकी वह मनोकामना देवी मां पूर्ण करती हैं।