अल्मोड़ा। कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए जिले में संसाधनों की बहुत कमी है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित अस्पतालों में बेडों की संख्या भी बहुत कम है।जनपद में औसतन 90 बच्चों पर एक बेड है वहीं एनआईसीयू और पीआईसीयू संचालित करने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्मिकों का प्रशिक्षत किया जा रहा है। फिलहाल यह सुविधाएं अधर में हैं।बच्चों के लिए कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक साबित होने की आशंका के बीच जिले में इससे निपटने के लिए तैयारियां तो की जा रही है लेकिन इसके लिए संसाधनों का अभाव है। अल्मोड़ा जिले में बच्चों की कुल आबादी लगभग 90 हजार है।सात बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों हैं। ऐसे में प्रत्येक बाल रोग विशेषज्ञ पर औसतन 12 हजार से अधिक बच्चों की जिम्दारी है। जिले भर के सभी अस्पतालों में कुल 1010 बेड स्वीकृत हैं। लेकिन अब तक जिले के किसी भी अस्पताल में बच्चों के लिए आईसीयू की सुविधा नहीं है।