केरल हाईकोर्ट ने शादी के बगैर युवाओं में बढ़ते लिव-इन रिश्तों और शादी को लेकर युवाओं की राय पर अहम टिप्पणी की है।
दरअसल केरल हाईकोर्ट ने हालिया में दिए फैसले में हाईकोर्ट ने 'यूज एंड थ्रो' की तरह बढ़ते उपभोक्तावाद पर चिंता जताते हुए कहा कि, शादी के बगैर युवाओं में बढ़ते लिव-इन रिश्तों से वैवाहिक रिश्तों पर असर पड़ा है।
ये टिप्पणी करने के साथ-साथ केरल हाईकोर्ट ने इस बात पर खेद जताया कि, युवा पीढ़ी विवाह को एक 'बुराई' के रूप में देख रही है। उन्हें 'मुक्त जीवन का आनंद लेने' से बचना चाहिए। इस आजादी के कारण ही लिव-इन रिश्ते बढ़ रहे हैं।
वहीं सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति सोफी थॉमस की खंडपीठ ने विवाह संस्था की पवित्रता का भी जिक्र किया। और अपने आदेश में कई अहम बातें कही हैं।