उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग ने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनी के स्तर पर क्लेम लंबित रखने अथवा निपटारा न होने पर उपभोक्ता आयोग अथवा फोरम में परिवाद दायर किया जा सकता है। इस तरह के परिवाद को प्री मेच्योर नहीं माना जा सकता। आयोग ने 3.14 लाख रुपये के प्रतिकर दिए जाने संबंधी फोरम के आदेश को सही ठहराया है।
काशीपुर की अनुप्रीत कौर की ओर से अधिवक्ता नदीमउद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर कर कहा था कि उसने स्वरोजगार के लिए एक ट्रक खरीदा था। उन्होेंने बाजपुर रोड स्थित न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी से पांच लाख रुपये का बीमा कराया था। बीमा अवधि में ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने ट्रक को हुई क्षति का इस्टीमेट 8,30,466 रुपये का बनाया था। सर्वेयर ने आरसी निस्तीकरण न कराने पर 2.99 लाख रुपये का भुगतान करने की संस्तुति की थी लेकिन बीमा कंपनी ने उसे क्लेम नहीं दिया।