देहरादून व टिहरी जिले में 19 अगस्त को प्राकृतिक आपदा से हुई जानमाल की हानि को कुछ हद तक कम किया जा सकता था, लेकिन सरकारी सिस्टम सोया रहा। उच्चाधिकारियों के स्तर पर सवाल उठने के बाद अब मौसम विज्ञान विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी एक-दूसरे के आमने-सामने हैं और एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
मौसम विभाग का दावा है कि उसने देहरादून के आसपास अतिवृष्टि का अलर्ट जारी कर दिया था। मगर शासन का कहना है कि उसे मौसम का पूर्वानुमान तो भेजा गया, लेकिन वे स्थान चिन्हित नहीं किए गए, जहां भारी से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान था। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग का अहम रोल है। लेकिन इस मामले में दोनों विभागों में तालमेल की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि उनकी ओर से समय पर स्टेट डिजास्टर कंट्रोल रूम को सूचना दे दी थी। लेकिन कंट्रोल रूम ने उनकी सूचना को हल्के में लिया।