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• Sat, 5 Jun 2021 9:41 am IST


आईटीसी कंपनी के सहयोग से शुरू हुई ग्रीन टेंपल योजना, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ


हरिद्वार। आईटीसी कंपनी द्वारा हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर में ग्रीन टेम्पल योजना की शुरुआत हो गई है। शुक्रवार को हरिद्वार पहुँचे सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस योजना का शुभारंभ किया। जहाँ इस योजना से पर्यावरण तो सुरक्षित रहेगा ही वही लोगो को रोजगार भी मिलेगा।
हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी और चंडी देवी, दोनो मंदिर पहाड़ी पर स्थित है। रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु माँ का आशीर्वाद लेने मंदिर पहुँचते है। बड़ी मात्रा में रोजाना मंदिर से फल, फूल प्रसाद इत्यादि के रूप में कई पदार्थ तो निकलते ही है बल्कि श्रद्धालुओं द्वारा भी कई प्रकार की गंदगी छोड़ी जाती है। इससे वन संपदा और पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।

पर्यावरण संरक्षण के लिए आईटीसी कंपनी आगे आयी है। कंपनी द्वारा सीएसआर फण्ड से ग्रीन टेम्पल योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत मंदिरों से निकलने वाले कूड़े को फेंका नही जाएगा बल्कि उसका उपयोग कर उससे खाद, धूपबत्ती और हवन सामग्री इत्यादि बनाई जाएगी। बड़ी संख्या में लोगो को रोजगार भी मिलेगा। इस योजना की शुरुआत हो गई है। शुक्रवार को सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस योजना का विधिवत शुभारंभ किया। हरिद्वार के सीसीआर भवन में आयोजित बैठक में कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री के सामने पूरे प्रोजेक्ट को भी रखा। इस दौरान मंत्री सतपाल महाराज, मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत जिले के कई आलाधिकारी भी मौजूद रहे।
आईटीसी कंपनी के चीफ मैनेजर कौशिक मुखर्जी ने बताया कि ग्रीन टेम्पल योजना से मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर परिसर प्रदूषण मुक्त होगा। इससे पर्यावरण का संरक्षण होगा। इस योजना के तहत मंदिर से निकलने वाले कूड़े रिसाइकिल, डीकंपोज करके जैविक खाद बनाई जाएगी। फल फूलों और नारियल इत्याद से धूपबत्ती और हवन सामग्री बनाई जाएगी। बहुत पहले इस योजना की शुरुआत हो जाती मगर कोरोना के कारण योजना आगे नही बढ़ सकी। वही उन्होंने ये भी बताया कि इस योजना से बड़ी संख्या में लोगो को रोजगार प्राप्त होगा। मनसा देवी और चंडी देवी इन दो मंदिरों से 60 लोगो को रोजगार मिला है। हरिद्वार के 25 अन्य मंदिरों में भी उनके द्वारा ये योजना शुरू होने वाली है। साथ ही उन्होंने ये जानकारी भी दी है कि उत्तराखंड के चारधाम स्थित मंदिरों से भी उनकी बातचीत चल रही है और वहाँ भी इस योजना को शुरू किया जाएगा।