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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 27 Feb 2022 7:00 am IST


उत्तराखंड : आंकड़े दे रहे गवाही, राष्ट्रीय विरासत पशु हाथी पर भारी पड़ रहे हादसे और करंट


देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्र्रीय विरासत पशु हाथी पर हादसे और बिजली के झटके भारी पड़ रहे हैं। स्वयं वन विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। वर्ष 2001 से अब तक की तस्वीर देखें तो जंगल में हुए हादसों में 74 हाथियों की जान गई है, जबकि 23 की मौत की वजह उनका ट्रेन की चपेट में आना है। प्रदेशभर में 43 हाथियों को बिजली का करंट लगने से जान गंवानी पड़ी है। 21 वर्ष के कालखंड में नौ हाथियों का शिकार हुआ, जबकि एक की मौत जहर से हुई है। आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि उत्तराखंड में यमुना से लेकर शारदा नदी तक के क्षेत्र में हादसों और बिजली के झटकों में गजराज जिंदगी की जंग हार रहे हैं। जंगल में ढंगार से गिरने, फिसलने जैसे हादसों में हाथियों का जान गंवाना चिंता का कारण है। यह जंगल में निगरानी तंत्र के साथ ही वन्यजीवों की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर भी प्रश्न खड़े करता है। यदि निगरानी ठीक से हो रही हो तो हादसे में घायल हाथी समेत दूसरे वन्यजीवों की समय रहते जानकारी मिलने पर तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकती है।