कृषि संस्कृत खाद्य उत्पादन व निर्यात विकास प्राधिकरण और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बासमती धान उत्पादक किसानों को निर्यात की जानकारी दी। इस दौरान किसानों को बासमती धान का उत्पादन करने बारे में बताया। वैज्ञानिकों ने रसायन की जगह जैविक खाद और दवाओं के उपयोग की सलाह दी। केवीके प्रभारी डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने कहा कि पूरे विश्व में भारत का बासमती चावल निर्यात 44.6 मिलियन टन है, जो लगभग 3200 करोड़ रुपये होता है। एपीडा बांसमती की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किसानों को जागरूक करती है।