हैदराबाद: तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद में फिंगरप्रिंट
सर्जरी गिरोह का खुलासा हुआ है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया
है। ये लोग खाड़ी देशों से निकाले गए दोषियों के फिंगरप्रिंट में बदलाव करते थे, जिससे वे फिर से वहां
जाकर नौकरी कर सकें। पुलिस ने दोबारा कुवैत जाने के लिए सर्जरी कराने वाले दो
कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, केरल और
राजस्थान में भी आरोपियों ने फिंगरप्रिंट पैटर्न बदलने के लिए ऐसी 11 सर्जरी की हैं। एक
सर्जरी के लिए वे 25 हजार रुपये
चार्ज करते थे। 29 अगस्त को हैदराबाद के मलकाजगिरी जोन में स्पेशल टीम ने एक
ऑपरेशन चलाया और चार लोगों को
गिरफ्तार किया। ये लोग एक होटल में ठहरे थे और घाटकेसर क्षेत्र में कुछ लोगों की
सर्जरी करने वाले थे।
टेक्नीशियन हैं दोनों आरोपी
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों में 36 वर्षीय गजलकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी कडपा जिले के कृष्णा डायग्नोस्टिक्स में रेडियोलॉजिस्ट और एक्स-रे टेक्नीशियन है। वहीं, 39 वर्षीय सागबाला वेंकट रमना तिरुपति के डीबीआर हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया टेक्नीशियन है। वहीं, 25 वर्षीय बोविला शिव शंकर रेड्डी और 38 वर्षीय रेंडला रामा कृष्ण रेड्डी कुवैत में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के तौर पर काम करते थे।
ऐसे करते थे सर्जरी
पुलिस ने बताया कि ये लोग सर्जरी की प्रक्रिया में उंगलियों
की ऊपरी परत को काट देते थे। फिर टिशू के हिस्से को हटाकर, उंगलियां सिल
देते थे। इसके बाद एक या दो महीने में घाव भर जाता था और साल भर तक फिंगरप्रिंट
पैटर्न में थोड़ा बदलाव हो जाता था। फिर सर्जरी करवा चुके लोग आधार कार्ड में अपनी उंगलियों
के निशान अपडेट करवाते थे और नए पते के साथ कुवैत के फ्रेश वीजा के लिए अप्लाई
करते थे।