देश की सीमा पर सुरक्षा करनी हो या अपने वतन के लिए प्राण न्योछावर करने हो, देवभूमि के जवान पीछे नहीं हटते। वे बिना किसी चिंता के देश के लिए प्राण तक त्यागने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। उत्तराखंड ने न जाने अपने कितने वीरों को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया है। मगर सलाम है उन वीरों की वीरांगनाओं को, मातृशक्ति को, जो इतने असीम दुःखो को सहने के बाद भी नहीं टूटतीं, बल्कि दर्द और तकलीफों को भुला कर साहस और हिम्मत का परिचय देती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही वीरांगना (Martyr Deepak Nainwal Wife Jyoti Army Officer) के बारे में बताने जा रहे हैं जो पति की शहादत के बाद टूटी नहीं, बल्कि दर्द और दुःख को पीछे छोड़ते हुए साहस की नई इबारत लिख दी। हम बात कर रहे हैं शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल की जो कि अपने पति की शहादत के बाद देश की सेवा के लिए उनकी राह पर चल पड़ी हैं। जी हां, वे सेना में अफसर बन गई हैं। आज वे चेन्नई में ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हुई। बता दें कि अपने पति की शहादत के बाद उन्होंने भी देश सेवा का संकल्प लिया और सेना में जाने का निर्णय लिया।