देवभूमि, जिसका नाम ही अपने दिव्यता को प्रदर्षित करता है, जिसके पर्वतों की चोटियों पर बने पोराणिक मन्दिर ओर नदी संगमों में चमकते शिवालय बरबस ही सभी को अपनी और आकर्षित करते है। इसी देवभूमि की विभिन्न डोलियाँ रविवार को गंगा स्नान को हरिद्वार पहुँची। प्रत्येक 12 वर्ष में यह सौभाग्य आम जन को प्राप्त होता है जब उत्तराखंड के साथ ही नेपाल ओर हिमाचल से भी दिव्य डोलियां ओर पवित्र निशान महाकुम्भ में पहुँचते है।
कल पूर्व संध्या में 4 बजे त्रिवेणी घाट ॠषिकेश में देव डोलियां की पूजा अर्चना की गई। तद्पश्चात भरत मन्दिर की परिक्रमा उपरांत सभी को प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार लाया गया जहां रात्रि विश्राम किया गया। आज प्रातः ही देवडोलियाँ प्रेम आश्रम से हरकीपेडी स्नान हेतु पहुंची। देव् डोलियों के शाही स्नान को सकुशल सम्पन कराने हेतु कुम्भ मेला पुलिस पूर्व नियोजित मार्गों से लेकर हरकीपेडी तक हर जगह मौजूद थी। डोलियों की अगुवाई कुम्भ मेला पुलिस के घुड़सवार दस्ते के द्वारा किया गया।
कोविड प्रसार की आक्रमता को देखते हुए देव स्नान को सांकेतिक रखा गया था जिस कारण मात्र चार देव स्थान से ही डोलियां हरिद्वार पहुंची जिसमें मां धारी देवी, माँ सुरकंडा देवी, देव घण्टाकर्ण और माँ दक्षिण कालिंका की डोलियाँ सम्मलित थी।