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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 14 Mar 2022 11:33 am IST


मेडिकल साइंस ने भी स्वीकारा 'डॉग' मैजिक !


एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि मात्र दस मिनट की 'डॉग थेरेपी' से लोगों की चिंता और दर्द को मिनटों में गायब किया जा सकता है। यह अध्ययन प्लॉस वन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ। कनाडा के सास्काटून कॉलेज के शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती करीब दो सौ मरीजों पर अध्ययन किया।  मेडिकल साइंस में इसे 'डॉग थेरेपी' नाम दिया है-

ऐसे किया अध्ययन- शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन में शामिल मरीजों को दो भागों में बांटा गया। एक समूह में लंबे समय से दर्द झेल रहे लोगों को शामिल किया गया। वहीं, दूसरे समूह में चिंता करने वाले मरीजों को शामिल किया गया। इसके बाद बारी-बारी से दोनों समूह के मरीजों को दस मिनट तक 'डॉग थेरेपी' दी गई। 
इसमें पता चला कि जिन लोगों को लंबे समय से दर्द था, 'डॉग थेरेपी' के बाद करीब 43 फीसदी लोगों का दर्द गायब हो गया। वहीं, चिंता करने वाले करीब 48 फीसदी मरीजों को इससे लाभ मिला।

मरीजों की हालत देखते हुए थेरेपी दी गई- शोधकर्ताओं ने बताया कि मरीजों की हालत देखकर उन्हें यह थेरेपी दी गई। उन्होंने बताया कि अगर कोई मरीज मरफी के साथ समय बिताता है तो ऐसे में मरीज के दिमाग में ऑक्सीटोसी नामक एक हार्मोन का संचालन होता है, जो मरीज की चिंता को करने में मदद करता है। साथ ही यह मरीज का दर्द भी कम करता है।

मेडिकल साइंस के लिए वरदान साबित होगा- अध्ययन की प्रमुख लेखक डॉ. कोलिन डेल का कहना है कि यह शोध आने वाले समय में मेडिकल साइंस के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह थेरेपी खासकर उन लोगों के लिए आरामदायक साबित हो सकती है, जो लंबे समय तक अस्पताल में रहते हैं। उन्होंने कहा कि पचास साल के ऊपर वालों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं देखी जाती हैं, खासकर ऐसे मरीजों के लिए ये सहायक हो सकते हैं।