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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 17 Mar 2022 5:19 pm IST


कितनी दर्दनाक थी वो रात, कैसे-कैसे हो रहे थे एलान...? पढ़ें- चश्मदीद कौल परिवार की जुबानीकितनी दर्दनाक थी वो रात, कैसे-कैसे हो रहे थे एलान...? पढ़ें- चश्मदीद कौल परिवार की जुबानी


19 जनवरी 1990 की काली रात को कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीर के श्रीनगर रैनावारी से चार मंजिला मकान और संपत्ति को छोड़कर परिवार समेत पलायन करना बेहद दर्दनाक और डरावना मंजर था। तब मेरी उम्र महज 24 साल रही होगी। उस मंजर को बताते हुए कौल की आंखों में आंसू थमे नहीं। 


कश्मीर विवि के निदेशक रहे और इतिहासकार कश्मीरी पंडित भूषण कुमार कौल के पुत्र विनीत कौल डेम्बी बताते हैं कश्मीरी पंडित कौम काफी पढ़ी लिखी थी। विनीत कौल डेम्बी ने बताया कि मैं, मेरे माता-पिता और मेरी दो बहनें एक अटैची कपड़ों के साथ दहशत के बीच निकल आए थे। यह सोचकर कि दो चार साल में सब ठीक हो जाएगा, आज उस घटना को 32 साल गुजर गए।