जेल की सलाखों के अंदर गूंज रहे देवी मंत्र-कुरान की आयत
धर्म और जाति को लेकर आपसी मनमुटाव और विवाद की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन जेल के अंदर की एक अलग दुनिया है। यहां एक-दूसरे के धर्मों को न सिर्फ इज्जत दी जाती है, बल्कि साथ मिलकर व्रत और रोजे भी रखे जा रहे हैं। नवरात्र में हिंदू बंदी व्रत रख रहे हैं तो रमजान में मुस्लिम बंदी रोजे पर हैं। सुबह-शाम भजन-आरती के साथ ही नमाज भी पढ़ी जा रही है। जिला कारागार में 1400 से अधिक बंदियों में 735 बंदी नवरात्र के व्रत और रमजान माह में रोजे रखकर दिन-रात पूजा और इबादत कर अपने ईश्वर से कृपा और खुदा से रहमत मांग रहे हैं। इन दिनों पवित्र नवरात्र और मुकद्दस रमजान माह चल रहा है। ऐसे में 312 मुस्लिम पुरुष बंदी और चार महिलाएं रोजा रखकर अल्लाह की इबादत में जुटे हैं। वहीं 399 हिंदू पुरुष बंदी और 20 हिंदू बंदी महिलाएं नवरात्र व्रत रख रही हैं। पूजा और इबादत को लेकर यह आस्था भाव जेल की चहारदीवारी के अंदर भी है।