मनी ट्रांसफर सेंटर के संचालकों और कर्मचारियों से लूट करने वाले गिरोह का रानीपुर पुलिस व सीआईयू की टीम ने भंडाफोड़ किया है। पूछताछ में सामने आया है कि लूट की घटनाओं को अंजाम देने से पहले गिरोह की महिला सदस्य ग्राहक बनकर मनी ट्रांसफर सेंटरों पर जाती थी और उसके बाद घटना को अंजाम दिया जाता था। गिरोह का मास्टरमाइंड सिडकुल की एक कंपनी में कांट्रेक्टर लेबर का काम करता था।
मनी ट्रांसफर सेंटरों के संचालकों से लूट करने के आरोपी गिरोह से पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि गिरोह का सरगना मोनू और पिकी रावली महदूद में एक किराये की बिल्डिंग में अगल-बगल कमरों में किराये पर रहते हैं। युवती पिंकी की घड़ी की दुकान है और मोनू आईटीसी कंपनी में कांट्रेक्ट लेबर में है। अगल-बगल रहने के कारण उनमें अच्छी दोस्ती थी। मोनू और पिंकी लूट की घटना को अंजाम देने से पहले लूटे जाने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी जुटाते थे। जिसके तहत लूट की घटना करने से पहले पिंकी ग्राहक बनकर मनी ट्रांसफर ग्राहक सेवा केंद्रों का जायजा लेती थी।। इसके साथ ही वह यह भी पता लगाती थी कि जिससे लूट होनी है, उसके पास कितना रुपया है।