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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 12 Feb 2023 1:04 pm IST

ब्रेकिंग

म‍हर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती: PM मोदी बोले- उन्‍होंने हमें जीवन जीने का मंत्र दिया


नई दिल्‍ली: महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान वह यज्ञ में भी शामिल हुए और हवन किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद रहीं।


प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, उस समय स्वामीजी ने महिला सशक्तिकरण के लिए आवाज उठाई थी और छुआछूत के खिलाफ लड़े थे। यह अवसर ऐतिहासिक है और भविष्य के इतिहास को निर्मित करने का है। यह पूरे विश्व के मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा का फल है। उन्‍होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी और उनका आदर्श था कि हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाएं। स्वामी दयानंद जी ने हमें जीवन जीने का एक और मंत्र दिया था। उन्होंने बहुत ही सरल शब्दों में बताया था कि आखिर परिपक्व कौन होता है, आप किसको परिपक्व कहेंगे? उनका कहना था कि जो व्यक्ति सबसे कम ग्रहण करता है और सबसे अधिक योगदान देता है, वही परिपक्व है।


महर्षि दयानंद ने किया समाज का कायाकल्‍प

पीएम मोदी ने कहा कि जब महर्षि दयानंद का जन्म हुआ था, उस समय देश सदियों की गुलामी से कमजोर पड़ कर अपनी आभा, तेज और आत्मविश्वास सब कुछ खोता चला जा रहा था। प्रति क्षण हमारे संस्कार और आदर्श को चूर-चूर करने का प्रयास होता था। उन्होंने कहा कि महर्षि ने सामाजिक भेदभाव और छुआछूत जैसी समाज की कुरीतियों के विरुद्ध अभियान शुरू किया। हमारे इतिहास और परंपराओं को दूषित करने की कोशिश की गई। उसी समय महर्षि दयानंद जी के प्रयास समाज में संजीवनी के रूप में प्रकट हुए और उनका कायाकल्प किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि समाज में महर्षि जी ने महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव का विरोध किया। उन्होंने महिला शिक्षा के लिए कार्यक्रम शुरू किया। करीब 150 साल पहले वह इन बुराइयों के खिलाफ खड़े हुए थे। महर्षि जी ने राष्ट्र और समाज के हर पहलू के प्रति एक समग्र, समावेशी और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया। उन्‍होंने कहा, स्वामी दयानंद के व्यक्तित्व से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कितने ही स्वतंत्रता सेनानियों के भीतर राष्ट्र प्रेम की लौ जलाई थी। पीएम ने कहा, एक अंग्रेज अफसर स्वामी दयानंद जी से मिलने आया और उनसे कहा कि भारत में अंग्रेजी राज के सदैव बने रहने की प्रार्थना करें। स्वामी जी ने निर्भीकता के साथ... आंख में आंख मिलाकर उस अंग्रेज अफसर से कहा- स्वाधीनता मेरी आत्मा और भारतवर्ष की आवाज है। यही मुझे प्रिय है। मैं विदेशी सम्राज्य के लिए कभी प्रार्थना नहीं कर सकता।