महान संत थे स्वामी विश्वम्भर दास महाराज-श्रीमहंत दिनेश दास
हरिद्वार। अखिल भारतीय चर्तु संप्रदाय में साकेतवासी बाबा ब्रह्म निष्ठ स्वामी विश्वम्भर दास महाराज का साकेत उत्सव तीनो वैष्णव अनी अखाड़ा के श्रीमहंत, जगद्गुरु, समस्त द्वाराचार्य परिवार, आचार्य एवं समस्त वैष्णव संतो के सानिध्य में मनाया गया। बैरागी कैंप में आयोजित साकेत उत्सव के दौरान चर्तु संप्रदाय के श्रीमहंत दिनेश दास महाराज ने कहा कि वैष्णव संत सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के मूल सूत्रधार हैं।
जो धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाते चले आ रहे हैं। साकेतवासी बाबा विश्वम्भर दास महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने अनेकों सेवा प्रकल्पों के माध्यम से गरीब असहाय लोगों की सेवा करते हुए समस्त जगत को मानव सेवा का संदेश प्रदान किया। राष्ट्र निर्माण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। महामंडलेश्वर स्वामी सांवरिया बाबा महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति एवं राष्ट्रीय धरोहर के केंद्र बिंदु वैष्णव संत सदैव ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। साकेत वासी बाबा विश्वम्भर दास महाराज एक विद्वान महापुरुष थे।
जिन्होंने हमेशा भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है और साकेतवासी बाबा विश्वम्भर दास महाराज तो साक्षात त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास एवं अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्ण दास महाराज ने कहा कि वैष्णव संतो द्वारा मेला क्षेत्र में अनवरत रूप से अन्न क्षेत्र चलाकर जो मानव सेवा की जा रही है। वह ब्रह्मलीन बाबा विश्वम्भर दास महाराज जैसे उच्च कोटि के महापुरुषों की ही प्रेरणा का माध्यम है। उन्होंने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।
कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का श्रीमहंत दिनेश दास एवं महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा ने फूल माला पहनाकर सम्मान किया। लोहागल खंडेला सीकर राजस्थान के महंत शत्रुघ्न दास श्रीमहंत रास बिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत दयाल दास, महंत राम मनोहर दास, मस्तराम बाबा, महंत लक्ष्मण दास, महंत घनश्याम दास, महंत रमेश दास, महंत नरहरिदास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत राघवेंद्र दास सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित रहे।-