नई दिल्ली: नेपाल में रविवार को बड़ा विमान हादसा हो गया। इस हादसे का शिकार हुए यति एयरलाइंस के प्लेन एटीआर-72 में 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। नेपाल के स्थानीय मीडिया के अनुसार, इसमें अब तक 32 लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। हालांकि, सरकार और एयरलाइंस ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
वहीं, नेपाल के
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई है, जिसमें राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा हादसे वाली जगह
पर आर्मी को तैनात कर दिया गया है। उसने बचाव और राहत कार्य का जिम्मा संभाल लिया है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने
नेपाल के हादसे पर दु:ख जताया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं, बचाव कार्य में शामिल एक पुलिसकर्मी ने
बताया कि स्थानीय लोगों की भीड़ के चलते एंबुलेंस को रेस्क्यू साइट तक ले जाने में
दिक्कत हो रही है।
तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसा
अभी तक हादसे की जो तस्वीरें और फुटेज सामने आ रही हैं, उसमें यह हादसा बेहद भयानक नजर आ रहा है। शुरुआती जानकारी
के अनुसार, खराब मौसम की वजह से विमान एक पहाड़ी से जा
टकराया और क्रैश होते ही इसमें धमाके के साथ आग लग गई। सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से 10 सेकेंड
पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दीं, इसलिए मौसम की
खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। पहले कहा जा रहा था कि
हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।
प्लेन में सवार थे 10 विदेशी यात्री
जानकारी के अनुसार, हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ।
यहां वह पहाड़ी से टकराकर खाई में जा रहा। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 200 किमी दूर है। स्थानीय मीडिया
के अनुसार, यह हादसा रविवार सुबह 8 बजे के करीब हुआ। स्थानीय
लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि, मीडिया में यह खबर दोपहर 12 बजे के करीब सामने आई। विमान को कैप्टन कमल
केसी उड़ा रहे थे।
पांच भारतीय समेत नौ विदेशी नागरिक भी थे सवार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 68 यात्रियों
में से 53 नेपाली, पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियन और एक-एक
आयरिश, अफगानी और फ्रैंच नागरिक सवार थे। इनमें तीन
नवजात और तीन बच्चे शामिल हैं। एयरलांइस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा है कि
अभी तक किसी जीवित व्यक्ति को नहीं निकाला जा सका है।