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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 21 Jan 2023 4:00 pm IST

नेशनल

SC की शरण में पुरुष आयोग, कहा- 'वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से कमजोर होंगी शादियां'


सुप्रीम कोर्ट में पुरुष आयोग एक याचिका दाखिल की है, जिसमें वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने का विरोध किया गया है। 

वरिष्ठ अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि, अगर वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित कर दिया जाता है तो इससे शादियां अस्थिर होने की संभावना बढ़ जाएगी। शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत, संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है और किसी कृत्य को अपराध बनाने की शक्ति सिर्फ विधायिका के पास है। 'बिना पर्याप्त सबूतों के वैवाहिक दुष्कर्म का मामला शादी खत्म कर सकता है। 

याचिका में ये भी लिखा गया कि, अगर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का कोई सबूत होगा तो सिर्फ पत्नी की गवाही ही होगी। यह आसानी से विवाह संस्था को अस्थिर कर सकता है।' याचिका में एनजीओ पुरुष आयोग की अध्यक्ष बरखा त्रेहन ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि, वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने के लिए जो याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनमें कोर्ट को हस्तक्षेप करना चाहिए। 

एनजीओ पुरुष आयोग ने वकील विवेक नारायण शर्मा की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि, देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां महिला के झूठे आरोपों के बाद व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। ऐसे असंख्य मामले सामने आए हैं, जहां विवाहित महिला ने कानून के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल किया। इनमें शारीरिक उत्पीड़न, 498ए और घरेलू हिंसा के मामले शामिल हैं। अगर आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को हटा दिया जाता है तो यह महिलाओं के लिए अपने पतियों को प्रताड़ित करने का एक आसान टूल बन जाएगा।